लेखनी प्रतियोगिता -23-May-2023 "ग़ज़ल"
"ग़ज़ल"
आई थी फूलों की तलाश में कांटो से दामन भर गई।
यह कौन थी वो लड़की जो आंखों में अश्क भर के ले गई।।
बनकर कली खुद झूम रही थी अपने ही शबाब की।
खिलने को थी आतुर कि तोड़ कर किसी ने जान खीच ली।।
चांदनी रात में सागर संग लहरें खेल रही थी अठखेलियाँ ।
लहरों में खलल डालनें को तूफ़ान की दस्तक कहाँ से आ गई।।
तारों संग चांद अपनी रवानगी में गीत गुनगुनाता जा रहा था कोई।
बादलों की गड़गड़ाहट, चमकते चाँद को धूमिल सी कर गई।।
आस लगाए बैठे थे इस दिवाली माता-पिता बच्चों के आने की ।
मायूसी सी छा गई , जब आई है फोन पर आवाज़ अगले बार आने की।।
मधु गुप्ता "अपराजिता"
Abhinav ji
24-May-2023 09:28 AM
Very nice 👍
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Madhu Gupta "अपराजिता"
24-May-2023 06:59 PM
Thank you so much🙏🙏
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Reena yadav
24-May-2023 06:15 AM
👍👍
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Madhu Gupta "अपराजिता"
24-May-2023 06:59 PM
Thank you so much🙏🙏
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